एक ब्लागिंग व्यसनी पति और उसकी पत्नि के मध्य होने वाले आपसी खटराग की बानगी देखिए, लेकिन आप लोग कहीं ऎसा वैसा भ्रम न पाल बैठें, सो पहले ही क्लियर किए देते हैं कि ये कोई हमारी आपबीती नहीं है :):------ इस खटराग कथा के नायक है मिश्राजी, जो दिन भर कम्पयूटर के आगे बैठे बस ब्लागिंग धर्म का निर्वहण करने में ही जुटे हैं.....इनकी बेचारी धर्मपत्नि जो कि इनके इस ब्लागोन्माद से बुरी तरह से आजिज आ चुकी है, चिढती, कुढती हुई सी इन्हे भोजन के लिए बुलाने आती है.”अजी अब तो खाना खा लीजिए, यूँ ही कब तक कम्पयूटर के आगे बैठे आँखें फुडवाते रहोगे” Technorati टैग्स: {टैग-समूह}बस यूँ ही,ब्लागिंग कथा |
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शनिवार, 7 अगस्त 2010
चूल्हे पडे ब्लागिंग बाबा !!! -----(खटराग कथा)
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