सचमुच कुछ न कुछ उदेश्य तो चिट्ठाकारी का होना ही चाहिए । पर सच कहूँ, तो अब तक इसका उदेश्य मेरी समझ में तो नहीं आया ? यों तो हमारी भी चिट्ठाकारी साधना किसी से कम नहीं रही है । अभी तक अपने जीवन का स्वर्णिम एक वर्ष और चार महीने इस पर न्यौछावर कर चुके हैं । इस बीच यह नहीं कि हमने यहाँ रहकर कोई भाड ही भूँजा है---बल्कि लगभग प्रति सप्ताह एक पोस्ट के हिसाब से अपने पाठकों को ज्योतिष पर अति महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते रहे हैं । धर्म यात्रा ब्लाग पर अपने धर्म, संस्कृ्ति, नीतिज्ञान आधारित लगभग 60-70 आलेख छाप चुके हैं । यहीं इसी ब्लाग पर ही कुछ सामाजिक आलेख, एक दो कथा कहानियाँ, एक गजल और थोडी सी बकवास भी ठेल चुके हैं । अब पाठकों नें उन्हे किस हद तक पसन्द किया, ये तो मैं नहीं जानता लेकिन टिप्पणियो में आलोचकों द्वारा मिले प्रशंसा पत्र जरूर आज तक हमने सहेज कर रखे हुए हैं ।
अब अगर आप लोग मुझसे पूछें कि ब्लागिंग के पीछे मेरा क्या उदेश्य है तो शायद आप लोगों को मेरा जवाब कुछ निराशाजनक प्रतीत हो...क्यों कि अभी तक हम तो किन्ही उदेश्यों का निर्धारण कर ही नहीं पाए हैं। सच बात ये है कि बहुत खोजने पर भी हमें तो कोई उदेश्य अभी तक मिला नहीं।
अब आप लोग किन्ही विशेष उदेश्यों को लेकर ब्लागिंग कर रहे हैं तो हमारा उदेश्य भी वही समझ लीजिए। लेकिन बता जरूर दीजिएगा कि आपका उदेश्य क्या है?...वर्ना इस सवाल का जवाब मिलने तक यूँ ही फालतू में हमारा भेजा मंथन चलता रहेगा ।
आज आप लोगों का बहुत समय ले लिया.......चलते चलते एक सुन्दर सी तस्वीर देख लीजिए। लेकिन बताए देते हैं कि चित्र और आज की इस पोस्ट का आपस में कैसा भी कोई सम्बंध नहीं है :)