सुना है! कल 15 अगस्त नाम का कोई ‘त्योहार’ मनाया जाने वाला है!
दिन भर आजादी के,गुणगान गाये जाएंगें
पब्लिक को तरक्की के,नये ढंग बताए जाएंगें
खुशहाली होगी कैसे,ये राग सुनाये जाएंगें
उसका होगा कल्याण कहाँ,वह मार्ग बताए जाएंगें
सच को झूठ,झूठ को सच,सब अपने ढंग से समझाएंगें
इन ब्रह्म ज्ञान सी बातों को,हम आप समझ कहाँ पाएंगें
जय हिन्द-जय हिन्द के चक्कर में,सब घनचक्कर बन जाएंगें
पिसना तो गरीब के भाग्य बदा,सुख का अहसास न होता है
हमें आज तलक न समझ भई,ये 15अगस्त क्या होता है?
जो सोते हैं फुटपाथों पे,जो होते हैं फुटपाथों पे
जो पलते हैं फुटपाथों पे,मरते जीते फुटपाथों पे
घरबार वहीं-संसार वहीं,जिनका सब कुछ फुटपाथों पे
ऊपर है नीला आसमान,नीचे जमीन फुटपाथों पे
इन बेबस-बेघर लोगों से,किसने पूछा क्यूं रोता है?
हमें आज तलक न समझ भई,ये 15अगस्त क्या होता है? |  |
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आजादी,
15 अगस्त