1.
एक बार एक चौधरी साहब छोरी देखन चले गए .
आपने छोरे खातर . छोरी जमीं घनी काली थी . चोधरी
साहब के कोन्या पसंद आई . छोरी का बाबू बोल्या चोधरी
साहब छोरी नै पसंद कर जाओ . कार दे देवां गे दहेज़ मै .
चोधरी साहब बोल्ये -- भाई तू तो कार दे कै डिगा देगा .
जै यो खरना म्हारे चला गया तो आगली पीडी में म्हारी
छोरी ट्रक दिए पाछे भी ना ब्याई जावै
2.
एक बार एक मुक्कदमे में ताई गवाह बना दी ! ताई जा के खड़ी होई, अर् दोनू वकील भी ताई के गाम के ई थे !
वकील बोल्या " ताई तू मन्ने जाने है ?
ताई" हाँ तू रामफूल का है ना. तेरा बाबु घणा सूधा आदमी था पर तू कत्ति निक्कमा एक नम्बर का झूठा . झूठ बोल बोल कै तूं लोग नै ठगे है नरे झूठे गवाह बना के तू केस जीते है . तेरे तें तो सारे लोग परेशान हैं तेरी लुगाई भी परेशान हो के तन्ने छोड़ कै चली गयी !
वकील बेचारा चुप. उसनै थोडी देर मैं दूसरे वकील कानी ईसारा करया अर फेर पुछया " तू इसने जाने है ?"
ताई बोली " हाँ यो रूल्दू का छोरा है. इसके बाबु ने निरे रूपिये खर्च करके यो पढाया अर् इसने कख नही सिखया सारी उमर छोरिया पाछै हांडे गया. इसका चक्कर तेरी बहू गेल भी था ! आज ताहि इसने एक भी मुक्कादमा नही जित्या है!
जनता हांसन लग गयी जज बोल्या "आर्डर आर्डर "
अर् दोनू वकील बुलाये और कहन लगया " जे थाम दोनुवा में तै किसे नै भी या पूछ ली के या मन्ने जाने है तो मैं थारे गोली मरवा दयूंगा.
3.
एक बै एक किसान रहट में बैल जोड़कर पानी निकाल रहा था .
बैल अपने आप चारो तरफ़ गोल गोल घूम रहे थे और किसान आँख बंद कर पेड़ के नीचे लेटा हुआ था .
तभी उधर से एक वकील साहब गुजरे . वो किसान से बोले .
वकील बोल्या --तुम यहाँ पेड़ के नीचे लेटे हो तुम्हे कैसे पता चलता है कि बैल पानी निकाल रहे है, वो खड़े भी हो सकते है . और तुम सोचोगे वो चल रहे है .
किसान बोल्या -- भाई मैं इतना पागल कौणी, मणै घंटी बाँध राखी सै उनके गले में . जै वे रुकेंगे
तो घंटी बाजनी बंद हो ज्या गी और मने बेरा लाग ज्या गा .
वकील फेर बोल्या -- अरे जै वे बैल एक जगह खड़े हो कै नाड हिलान लाग गे तै फेर ताने क्यूकर बेरा
लगेगा की खड़े सै के रुक रे सै .
किसान बोल्या --- भाई वे इसा काम कोन्या करैं . वे बैल सै वकील कोन्या
13 टिप्पणियां:
बहुत मजेदार!!
पढकर मजा आ गया।
झकास....
चुटकुले बहुत पसंद आए, लिखते रहियेगा.
baadal.wordpress.com
pandit ji, jammi swaad sa aa gyaa.
bohat badhiya.
,kk
मज़ा आ गया पंडित जी! जारी रखिये!
एक बार अटलबिहारी, मुशर्रफ़, मल्लिका शेरावत और मार्गरेट थेचर, एक साथ ट्रेन मे सफ़र कर रहे थे। ट्रेन एक सुरंग के अन्दर से गुजरी, घना अन्धेरा छा गया। अटल को पता नही क्या सूझी, उसने अपने हाथ को चूमकर एक जोरदार आवाज निकाली और एक जोरदार झापड़ मुशर्रफ़ के रसीद कर दिया। सभी ने झापड़ की आवाज को सुना। ट्रेन जब सुरंग से बाहर निकली, सबने देखा, मुशर्रफ़ अपने गाल को सहला रहा था, सभी ने अलग अलग सोचा:
मुशर्रफ़ सोच रहा था, अटल ने मल्लिका को किस किया होगा, गलती से झापड़ मुझे पड़ गया।
मल्लिका सोच रही थी, हो सकता है मुशर्रफ़ ने मेरे को किस करने के चक्कर मे मार्गरेट थैचर को किस कर दिया हो इसलिए पिटा।
मार्गरेट सोच रही थी, ये मुशर्रफ़ भी ना, गलत जगह हाथ डाल देता है, मुझे किस करता तो, कम से कम, झापड़ तो ना पड़ता ।
अटल सोच रहा था : अबकि बार सुरंग आएगी तो फिर से करूंगा।”
आपके चुटकुले पढ़ के मन खुश होग्या
आपके चुटकुले पढ़ के मन खुश होग्या
majedar
majedar
जमा ऐंङी चुटकले स जमा पढ क मजा अ गया
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