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सोमवार, 8 दिसंबर 2008

हमसा बेहया कोई नहीं !




एक दिन वह था कि हम सारे जहां में फर्द थे.

 
 
 
 
 
 
     
एक दिन यह है कि हमसा बेहया कोई नहीं
एक दिन वह था कि अपनी शान पर देते थे जान 
एक दिन यह है कि हमसा बेहया कोई नहीं

13 टिप्‍पणियां:

विवेक सिंह ने कहा…

दिखाया तो खरा ही है आपने .

MANVINDER BHIMBER ने कहा…

sateek

नीरज गोस्वामी ने कहा…

सही बात...क्या खूब अंदाज में बयां की है आपने...जवाब नहीं....
नीरज

Himanshu Pandey ने कहा…

अच्छी फोटो तुकबंदी. ठीक कहा .धन्यवाद.

हिमांशु

Vinay ने कहा…

दिल दुखा तो है लेकिन टूटा तो नहीं है...

बेनामी ने कहा…

bahut khoob! bhai waah.
bilkul sach dikhaya aapne

makrand ने कहा…

bhaut sahi

Shiv ने कहा…

बहुत बढ़िया..
सही तस्वीर है...बेहयाई की.

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

हम अपना स्व खो चुके हैं। अब तो गाली भी साली लगती है। बेहया तो हो गए हैं।

कडुवासच ने कहा…

... बहुत सुन्दर।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वत्स साहब क्या कहने
निराला अदाज़ है आपके कहने का
जो कहा सही कहा

!!अक्षय-मन!! ने कहा…

kafi saralta se kam shabdon mei sacchai koo pesh kiya hai....
๑۩۞۩๑वंदना शब्दों की ๑۩۞۩๑

विक्रांत बेशर्मा ने कहा…

बहुत ही सटीक !!!!!!!!

www.hamarivani.com
रफ़्तार