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सोमवार, 12 अप्रैल 2010

यूँ चले जाना किसी का..........

ध्यान में अपने निरन्तर
मार्ग पर चलते हुए ही
बीती कुछ सुनसान रस्ते
की अन्धेरी रात राही

कट गई कुछ राह तेरे
साथ करते बात राही........

13 टिप्‍पणियां:

दिलीप ने कहा…

waah....safar ho aur saathi ho...fir kya armaan baaki ho..
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

bahut sundar!!

घटोत्कच ने कहा…

ऐसी क्या बात थी जो
पुरी राह बात करते कट गई
हमारी बात तो एक किलोमीटर
नही चलती और रास्ता खतम

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

वाह, नायाब विचार है जी.

रामराम.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

कुछ विस्तार से बतायें...

रंजना ने कहा…

बढिया! भावों को व्यक्त करती छोटी परन्तु सुन्दर सी गीतिका

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

जीवन के सत्य को बताती सुन्दर गीतिका ...

Alpana Verma ने कहा…

ऐसा भी होता है अक्सर!
बहुत सुंदर बात कही है.
आप भी कवि बन गये हैं अब तो!
बधाई...

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

@अल्पना जी,
विस्मित हूँ कि पता नहीं ये ब्लागिंग हमें क्या क्या बनाने पे तुली हुई है...सोचता हूँ कि कहीं ये हमारे खुद के वजूद का भक्षण तो नहीं करती जा रही :-)

naresh singh ने कहा…

पंडिताई छोड़ कविताई पर आ गए |

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Waah ... Vats ji aaj aapka alag andaaz dekhne ko mila .. dil ki aawaz ko jaise aapne shabd diye hain ...

Kat gai kuch raah tere
saath karti baat raahi ...

Baaton hi baaton mein jeevan kat jaaye to jeevan safal ...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

साफ सीधी बात. सुंदर.

kshama ने कहा…

Hame to padhake achha laga...shailiki saralta aur sahajta...!

www.hamarivani.com
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