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रविवार, 16 मई 2010

इस सर्वसुलभ माध्यम का उपयोग निज एवं समाज के विकास के लिए किया जाए तो ही बेहतर है!!!!!!

ये ठीक है कि यहाँ ब्लागजगत में आज बहुत से ब्लागर इस प्रकार की शैली को अपना रहे हैं, जो आपस में विद्वेष और कटुता बढा रही है और लोगों को अच्छाई की अपेक्षा बुराई की ओर ले जा रही है। लेकिन इसमें भी मैं दोष पढने वाले व्यक्ति का ही अधिक मानता हूँ। क्यों कि आज व्यक्ति का दृ्ष्टिकोण ही इस प्रकार की भाषा को चाहता है। यह तो संसार है, इसमें अच्छा-बुरा सब कुछ है। वास्तव में देखा जाए तो अच्छा और बुरा कुछ भी नहीं। किसी चीज को अच्छे और बुरे की पदवी भी हमारा दृ्ष्टिकोण ही देता है। हम यहाँ हैं तो हमें अपनी रूचि के अनुसार विषयवस्तु और विचार को चुनना है। हमारी रूचि, हमारा दृ्ष्टिकोण ऎसा होना चाहिए कि जिससे हम उन्ही बातों को ग्रहण कर सकें जिनसें हमारा मन, बुद्धि, जीवन, समाज एवं राष्ट्र का विकास हो सके।
देखा जाए तो ब्लागिंग आज के युग में ज्ञान बढाने का एक सर्वसुलभ एवं सर्वोत्तम साधन बन चुका हैं। हमें चाहिए कि हम इसका अधिकाधिक लाभ उठा सकें, इसकी सार्थकता को समझने का प्रयास करें ताकि अपने एवं समाज के विकास में महती भूमिका अता कर सकें न कि सिर्फ फालतू के विवादों को जन्म देकर अपनी बेशकीमती उर्जा एवं अमूल्य समय को यूँ व्यर्थ में नष्ट किया जाए।
गूगल कृ्पा भई ब्लाग बनाया, लोग कहैं यह मेरा है
न यह तेरा न यह मेरा,  चिडिया रैन बसेरा है!!

23 टिप्‍पणियां:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

भाई मैं आपसे एक दम सहमत हूं. आपके विचार का समर्थन करता हूं.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बढ़िया आलेख!
दोहा भी सटीक है!

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

बहोत बढिया पोस्ट

भगवान परशुराम जयंती की बधाई

राम राम

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

कभी कभी हम खुद कटुता मोल ले लेते है ... वैसे बढ़िया लिखा है... आभार

जय परशुराम जी

Gyan Darpan ने कहा…

आपसे सहमत

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

कती ठीक कह रहे हो पण्डित जी,
ना तेरा ना मेरा।

राजकुमार सोनी ने कहा…

महाराज की जय हो।

राज भाटिय़ा ने कहा…

आपसे सहमत है महाराज

vandana gupta ने कहा…

bilkul sahi kaha.........sabko samajhna chahiye.

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

भगवान करे इस आलेख का हम सभी पे असर हो। आभार!

naresh singh ने कहा…

बहुत सही बात कही है महाराज |देखते है कितनो पर इसका असर होता है |

Udan Tashtari ने कहा…

न यह तेरा न यह मेरा, चिडिया रैन बसेरा है!

-सत्य वचन!

M VERMA ने कहा…

लाभ ही तो उठा रहे हैं सभी अपने अपने ढंग से

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

बहोत बढिया पोस्ट

भगवान परशुराम जयंती की बधाई

राम राम

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

@महफूज जी,
शुक्र है! वैरी गुड से पीछा तो छूटा :-)
सलाम्!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बहुत बढ़िया आलेख है पंडित जी !! आपसे पूरी तरह सहमत हूँ !!

Kumar Jaljala ने कहा…
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

आमीन...

Smart Indian ने कहा…

सहमत! अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं!

Unknown ने कहा…

बिल्कुल सहमत हैं पण्डित जी आपसे!

हमें यह भी विश्वास है कि हिन्दी ब्लोग की यह स्थित अस्थाई है।

Mithilesh dubey ने कहा…

आपके विचार उत्तम हैं , जरुरत है इसको अमल में लाने की ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

aapne theek likha hai .. bahut kuch khud par nirbhar hai ... yadi sahi upyog kiy jaye to ek shashakt maadhyam hai har baat ke liye ...

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji ने कहा…

हमेँ इस ब्लॉग के नाम पर आपत्ति है !!
इतना अच्छा आलेख, इतना अच्छा ब्लॉग और इतना अच्छा ब्लोगर और ऐसा नाम !!
सच में हम आहत हुए.
यह भी सही है कि आपने ही चुना होगा पर ऐसा नाम !!
हम आपके लिखे हुए को बकवास नहीं समझते.

www.hamarivani.com
रफ़्तार