ad

रविवार, 3 अक्तूबर 2010

संडे सुभाषितं

आज ‘संडे सुभाषितं’ में पुन: आपके लिए प्रस्तुत हैं चन्द सूक्तियाँ…….जिनसे पता चलता हैं कि मनुष्य के जागृ्त मन नें पृ्थ्वी के विभिन्न खंडों में रहकर भी अनन्त युगों तक,जीवन से जूझकर और जीवन को अपनाकर अपने अनुभव द्वारा सत्य को किस प्रकार प्राप्त किया है और उसे किस अमर वाणी में व्यक्त किया है! बकौल सन्त ज्ञानेश्वर: "अमृ्त को कोई अधिकाधिक परोसता जाए,तो क्या कभी कोई कहता है कि 'बस!अब ओर नहीं चाहिए'?". सो,ये ज्ञानामृ्त आपको परोस रहा हूँ….ओर तब तक प्रत्येक रविवार आपको परोसा जाता रहेगा…जब तक कि आप स्वयं नहीं कह देते कि “बख्श दीजिए,बस अब ओर नहीं”:)

1. सच्ची मैत्री का नियम यह है कि जाने वाले मेहमान को जल्दी रूखसत करो और आने वाले का स्वागत करो----होमर

2. यौवन, धन-सम्पत्ति, प्रभुता और अविवेक---इनमें से प्रत्येक अनर्थकारक है, जहाँ चारों हों वहाँ क्या ठिकाना !—हितोपदेश

3. स्वानुभव की बातें शब्दज्ञान हैं; जब कि स्वानुभव आत्मज्ञान हैं, किसी के स्वानुभव की बातें कहने-सुनने से कोई आत्मज्ञानी नहीं हो जाता,वह सिर्फ शब्द-ज्ञानी भर है-----योगवशिष्ठ

4. इस तरह प्रार्थना कर मानों कोई पुरूषार्थ काम न आयेगा, और इस तरह पुरूषार्थ कर कि मानो कोई प्रार्थना काम न आयेगी----जर्मन कहावत

5. धन सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए इस्तेमाल की चीज है, उसे नागरिक प्रतिष्ठा और नैतिक उत्कृ्ष्टता का प्रतिनिधि नहीं बना देना चाहिए----विलियम पोर्टर
दौलतमन्द बनने के लिए सिर्फ ईश्वर की ओर से पीठ फेरने की जरूरत है----फ्रांसीसी कहावत

6. एक ज्ञानी की मित्रता दुनिया भर के तमाम बेवकूफों की दोस्ती से बढकर है-----डैमोकिटस

7. अपने को बदल दो, तकदीर बदल जायेगी-----पुर्तगाली कहावत

8. अपने जीवन के हर क्षण मैं यह अनुभव करता हूँ कि ईश्वर मेरा इम्तिहान ले रहा है---महात्मा गाँधी
1 

18 टिप्‍पणियां:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

वाह जी आज तो संडे वसूल हो गया.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

पूरे हफ्ते की खुराक है ... बहुत ज्ञान की बातें हैं ...

naresh singh ने कहा…

बहुत सुन्दर ग्यान की बाते |

राज भाटिय़ा ने कहा…

दौलतमन्द बनने के लिए सिर्फ ईश्वर की ओर से पीठ फेरने की जरूरत है----फ्रांसीसी कहावत
बहुत सुंदर कहावते, धन्यवाद

बेनामी ने कहा…

पंडित जी ये तो सच में अनमोल खजाना है/संग्रहणीय पोस्ट/
प्रणाम/

बेनामी ने कहा…

पंडित जी ये तो सच में अनमोल खजाना है/संग्रहणीय पोस्ट/
प्रणाम/

Unknown ने कहा…

जनाब आप तो खूब ज्ञान प्रसाद बाँट रहे हैं! मनन करने योग्य सूक्तियाँ हैं! धन्यवाद

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

आप मत बख्सिये, हम नही थकेंगे, आप परोसते रहिये, बहुत सुंदर कार्य, शुभकामनाएं.

रामराम.

Alpana Verma ने कहा…

संग्रहणीय पोस्ट है.
'इस तरह प्रार्थना कर मानों कोई पुरूषार्थ काम न आयेगा, और इस तरह पुरूषार्थ कर कि मानो कोई प्रार्थना काम न आयेगी'--जर्मन कहावत
--खास कर यह बहुत ही अच्छी और प्रभावी लगी.

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

कुछ इधर की , कुछ उधर की............पर सब खरे मोती...........उत्कृष्ट प्रयास
हार्दिक आभार.........
न तो बस न ही उफ़ कहेंगे.......
बस कृतज्ञता से सर झुकाते रहेंगें और ग्रहण करते रहेंगें .....

चन्द्र मोहन गुप्त

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बहुत सुन्दर ...

शरद कोकास ने कहा…

बढ़िया सुभषित हैं ।

Udan Tashtari ने कहा…

आभार इन सुभाषितों के लिए.

निर्मला कपिला ने कहा…

हमारे तो रोज़ संडे होते हैं इस लिये आज भी पढ लिया तो कोई बात नही। संडे सफल रहा। धन्यवाद।

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

sunday ho ya monday...........
roj poojate pondey.........

shradh mubarak...

Apanatva ने कहा…

badiya post.
Aabhar

Apanatva ने कहा…

badiya post.
Aabhar

बेनामी ने कहा…

Intriguing article. I'm sure I’m just a little late in posting my comment though the article ended up being the point and just the data I became trying to find. I can’t say that we trust all you could mentioned but it was emphatically fascinating! BTW…I found your web site through a Google search. I’m a frequent visitor in your blog all of which will return again soon. Tramadol.

www.hamarivani.com
रफ़्तार