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शुक्रवार, 23 जनवरी 2009

मुम्बई के मालदार भिखारी

कह्ते हैं कि भीख मांगना भी अपने आप में एक कला है, चलिए आज आप को मिलवाते हैं इस कला के माहिर मुम्बई के कुछ मालदार धनी भिखारियों से...........


नाम = मासू उर्फ मौलाना
आयु = 60 वर्ष
सम्पत्ति = इनके अपने नाम पर ही 30 लाख की प्रापर्टी है, नकद पूंजी का कोई ब्योरा नहीं .
कमाई = 1000 से 1500 रूपए रोजाना
कार्यक्षेत्र = लोखंडवाला के महंगे होटल ओर रेस्टोरैंट्स के आसपास का इलाका जहां पर आमतोर पर टेलिवीजन और फिल्मों से सबंधित हस्तियों का आना जाना लगा रहता है.
काम का समय = रात 8 बजे से सुबह 3 बजे तक सिर्फ 7 घंटे की डयूटी.
(यह पढकर बहुत सारे ब्लागर भाई जो कि नौकरीपेशा हैं उनको तो इसके भाग्य से ईर्ष्या होने लगी होगी,बेचारे सोचते होंगे एक हम लोग हैं कि आफिस में 8-10 घण्टे की इतनी सख्त डयूटी करते हैं कि अपने ब्लाग पर नई पोस्ट लिखने का भी समय नहीं निकाल पाते.)
रिहाइश = अंधेरी(पश्चिम) में एक वन बैडरूम हाल का फ्लैट जहां ये महाश्य अपने परिवार सहित रहते हैं तथा अंधेरी के ही अम्बोली नामक स्थान पर एक ओर वन बैडरूम हाल का फ्लैट किराये पर दिया हुआ है.
परिवार =परिवार में पत्नि,दो लडके ओर एक पुत्रवधु. बडा बेटा अंधेरी रेलवे स्टेशन के पास झाडू इत्यादी बनाने का व्यवसाय करता है.
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नाम = भारत जैन
आयु = 45 वर्ष
सम्पति = इनके अपने नाम पर 70 लाख की प्रापर्टी. परेल इलाके में 2 सिंगल बैडरूम हाल के फ्लैटस जहां पर एक में इनका परिवार निवास करता है.दूसरा किराये पर दिया हुआ है. भांडूप में 1 दुकान जो किसी जूस वाले को 7000 रूपए मासिक किराये पर दी हुई है.
कमाई = रोजाना 2000 से 2500 रूपए
कार्यक्षेत्र = आजाद मैदान और छत्रपति शिवा जी टर्मिनल का इलाका
काम का समय = सुबह 9-10 बजे से देर रात तक
परिवार = पत्नि,दो बेटे जिनमे से बडा बेटा क्लास 12वीं में तथा छोटा 10वीं मे पढ रहे हैं.पिता ओर एक छोटा भाई जो कि इसके साथ ही रहते हैं.छोटा भाई स्वयं स्टेशनरी की दुकान कर करता है.
त्योहार या अन्य किसी आयोजन पर भाई भी भीख मांगने के धंधे में इसका साथ देता है, तब दुकानदारी पिता जी संभालते हैं. ओर कभी कभार समय मिलने पर यह भी भाई की दुकान में हाथ बटा देता है.

विशेषता = आप इसे कोई लल्लू-पंजू भिखारी मत समझ बैठना.ये एक पढा लिखा ग्रैजूएट भिखारी है जो कि धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलता है.

12 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

अरे बहुत ही शानदार जानकारी. आभार.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वत्स जी
इन से धंदे की गुर भी सीख लो......ब्लॉग पर बेचा करेंगे...........कमाई का आसान तरीका .............
सलाम ऐसे धुरंधरों को

Udan Tashtari ने कहा…

कोई एरिया में वेकेन्सी हो तो अपन भी लग लें.

संगीता पुरी ने कहा…

कहां से पकड लाए इन्‍हें....अभी दो साल पहले किसी पत्रिका में हैदराबाद के भिखारियों का सर्वेक्षण किया गया था.....सैकडों भिखारियों के अपने मकान और बेशुमार दौलत का जिक्र था।

बेनामी ने कहा…

वैसे दिगंबर नासवा जी का कहना बिल्कुल दुरूस्त है.
इस के जरिए हम लोगों की भी थोडी कमाइ हो जाएगी

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत अच्छे जी.

रामराम.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

बिलकुल सही कह रहे हैं, वत्स गोत्र वाले पंडित जी.वाकई में ईर्ष्या होने लगी.

daanish ने कहा…

halaanke bheekh maangna hamari samajik aur raashtreey buraaii maana jata hai...lekin inhein poochho to kahenge mehnat kr ke kamaaya hai jnaab !!
khair , itni jaankari dene ke liye shukriya...
aapke schet mn ko naman kehta hoon.
---MUFLIS---

Science Bloggers Association ने कहा…

ऑइकान भिखारियों से मिलवाने का आभार।

Science Bloggers Association ने कहा…

अरे वाह, भिखारियों का भी जवाब नहीं।

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

वत्स जी

Bhi bhikharityon ke to vare nyare hain.... ? Hamen to aaj hi pta chla ye gur....soch rahi hun bkhari ban jaun...aapka kya khyal hai .....???

Unknown ने कहा…

बड़े शर्म की वात है वाह रे भिखारियो

www.hamarivani.com
रफ़्तार