लो जी, आज से हमने भी अपने लिए ब्लागिंग का एक उदेश्य चुन लिया। इससे पहले कि हम अपने ध्येय को आपके सामने रखें---एक बात जान लीजिए कि हमारा जो ये उदेश्य है, वो आप लोगों की सुविधा और फायदे से जुडा हुआ है। आप लोग भी सोच रहे होंगें कि इसमें हमारा कौन सा फायदा हो सकता है। बताते हैं भाई----तनिक धीरज रखिए।
उससे पहले दो एक बातें कह लेने दीजिए। अच्छा एक बात बताईये क्या कभी आपको नहीं लगता कि अपने ब्लाग के लिए रोज रोज पोस्ट का जुगाड करना कितना श्रमसाध्य कार्य है। पहले तो लिखने के लिए कोई विषय ढूंढो।अब विषय मिल गया तो जरूरी नहीं कि उसके लिए दिमाग में भाव, विचार भी आने लगें। लगे रहो दिन भर सोचने में कि ये लिखूं कि वो लिखूँ----ऎसा लिखूँ कि वैसा लिखूँ। ऊपर से समय की दिक्कत, घर में बीवी की खिचखिच---जहाँ दिमाग में कोई विचार आया नहीं कि वहीं उधर से आवाज आने लगती है-"अजी! सुनते हो"। बस विचार जैसे आया था, दिमाग से वैसे ही चुपचाप निकल लेता है।
एक ओर जो परेशानी है, वो है समय की। व्यापारी आदमी तो जैसे तैसे समय निकाल भी लेता है लेकिन नौकरीपेशा लोगों के लिए तो ओर बडी दिक्कत----बेचारे का सारा दिन तो पोस्ट लिखने के चक्कर में बीत जाता है। भला आदमी कब तो आफिस का काम करेगा ओर कब दूसरों के ब्लाग पर जाकर टिप्पणी कर पाएगा। अगर आफिस का काम न करे तो नौकरी छूटने का खतरा ओर दूसरों के ब्लाग पर जाकर टिप्पणी न की तो फिर तो अपने ब्लाग पर कोई झाँकने भी नहीं आएगा। यानि कि फिर तो ब्लाग लिखने से कहीं अच्छा है कि डायरी लिखने की आदत डाल ली जाए। खुद ही लिखो ओर खुद ही पढे जाओ। बाप रे बाप्! इतनी परेशानियाँ----ससुरी ब्लागिंग न हुई,जी का जंजाल हो गई।मानो साँप के मुँह में छुछुन्दर----न छोडने बनती है ओर न निगलते।
लेकिन घबराईये नहीं---समझिए आपकी सभी परेशानियो का हल हो गया। अब आपको पोस्ट लिखने में समय नष्ट करने की कोई जरूरत नहीं। आप तो बस अब अपना सारा ध्यान दूसरों के ब्लाग पर जाकर टिप्पयाने में लगाईये ओर बदले में अपने ब्लाग पर आने वाली टिप्पणियाँ गिनते जाईये।
आप सोच रहे होंगें कि शायद हम आपके साथ कोई मजाक कर रहे हैं। अगर आप इसे मजाक समझ रहे हैं तो फिर आप बिल्कुल गलत हैं। कृ्प्या एक बात जान लीजिए कि किसी को भ्रमित करने या फालतू में हास परिहास करने की न तो हमारी आदत रही है ओर न ही यूँ व्यर्थ में नष्ट करने को हमारे पास इतना समय है।
सच मानिये,हम आप लोगों के लिए एक ऎसा नायाब नुस्खा खोज कर लाए कि समझिए आपकी ब्लागिंग के रास्ते में आने वाली सभी दिक्कतें, परेशानियाँ यूँ चुटकी में समाप्त।
बस आपको थोडा अगली पोस्ट तक इन्तजार करना पडेगा.............. मिलते हैं कल या परसों।
नमस्कार्!!
14 टिप्पणियां:
इब ऐसा झुनझुना टिका कर गये हो आप पंडित जी कि मरता क्या न करता...इन्तजार ही करेंगे और क्या!!! आईये जल्दी!!
नया वर्ष स्वागत करता है , पहन नया परिधान ।
सारे जग से न्यारा अपना , है गणतंत्र महान ॥
गणतन्त्र-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
पण्डित जी, आपने तो लटका कर रख दिया। ठीक है इंतजार कर लेते हैं।
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!
लगता है आप पर भी एकता कपूर का साया पड गया है?:)
रामराम.
कर रहे हैं! और कर भी क्या सकते हैं. देखेंगे और देखना है, देख तो रहे ही हैं.
:)हमें तो ये कोई मजाक ही लग रहा है. बाकी इन्तजार करते हैं.
वत्स जी हम तो हमेशा से आपकी बात का पालन करते आए हैं ...... इंतेज़ार भी करेंगे आपकी पोस्ट का ..... वैसे आपने बात ठीक लिखी है टिप्पियाने में जो स्वाद और प्रतिफल है ........ बहुत शांति देता है ब्लॉगेर को ......
आपको गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई ........
बहुत बढिया!!
"अच्छा एक बात बताईये क्या कभी आपको नहीं लगता कि अपने ब्लाग के लिए रोज रोज पोस्ट का जुगाड करना कितना श्रमसाध्य कार्य है। "
भाई जहां तक मेरी बात है, मुझे तो बस समय से ही शिकायत है वर्ना मैं तो हर घंटे एक पोस्ट छाप सकता हूं :-)
पंडित जी आपको ससम्मान गणतंत्र की शुभकामनाये
कर रहे है भाइ साह्ब इन्तजार । सोचते है तब तक टिप्प्णियां गिनने का ही काम कर डालें। क्योंकि इन्तजार में तो पक्के हो चुके है ।""हम इन्तजार करेगे तेरा कयामत तक.......""तारों का गो शुमार मे आना मुहाल है ,लेकिन किसी को नींद न आये तो क्या करे"" पण्डित जी अब तो ऐसा नुस्खा दे ही दो ""यूं कि मज़ा आजाये ज़िन्दगी का ।
ओह लाईन में लग जाता हूं मैं भी टोकन ले के अपना नंबर आने पर समेट लूंगा
अजय कुमार झा
किधर गए भाई?
ब ये मुआ इन्तज़ार भी जवाब दे रहा है आप तो सही मे झुनझुना थमा कर चले गये लगता है कुछ खास ले कर आने वाले हैं चलो तब तक टिपिया कर समय बिता लेते हैं शुभकामनायें
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