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गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

जय....................??????????????????

जय छत्तीसगढ

जय बुंदेलखंड

जय महाराष्ट्र

जय उत्तरप्रदेश
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जय मुम्बई

जय रायपुर

जय लखनऊ

जय जबलपुर
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जय कच्चा बाजार
जय टिब्बा रोड
जय घासी राम मोहल्ला
जय ननकू हलवाई वाली गली
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जय ठोलकर मेंशन
जय प्रेम सदन
जय महबूब विला
                         जय शर्मा निवास
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                                    .
                                    .
                                     . 
                                    जय....?????

19 टिप्‍पणियां:

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

जय छत्तीसगढ

जय बुंदेलखंड

जय महाराष्ट्र

जय उत्तरप्रदेश
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.
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.

जय मुम्बई

जय रायपुर

जय लखनऊ

जय जबलपुर
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जय कच्चा बाजार
जय टिब्बा रोड
जय घासी राम मोहल्ला
जय ननकू हलवाई वाली गली
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जय ठोलकर मेंशन
जय प्रेम सदन
जय सरदार विला
जय शर्मा निवास
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जय....सबकी...


Aal ij wel..Aal ij wel..
Aal ij wel..Aal ij wel..

डॉ महेश सिन्हा ने कहा…

Jai Ho

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

तुम्हारी भी जय जय,
हमारी भी जय जय
फ़िर सबकी जया जय

Mithilesh dubey ने कहा…

जय हो

बेनामी ने कहा…

आप काहे चिन्ता में डूबे हैं.जिन की मन्द मन्द मुस्काती तस्वीर आप बगल में लगा रखे हैं. जय हिन्द कहने वले तो कब के उनके साथ ऊपर निकल लिए. अऊर आप इहां मूर्ख बने बैठे रहिये. हा हा हा हा....

Udan Tashtari ने कहा…

जय टोरंटो कनाडा.. :)

ghughutibasuti ने कहा…

जय छत्तीसगढ वालों की

जय बुंदेलखंड वालों की

जय महाराष्ट्र वालों की

जय उत्तरप्रदेश वालों की
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जय मुम्बई वालों की

जय रायपुर वालों की

जय लखनऊ वालों की

जय जबलपुर वालों की
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जय कच्चा बाजार वालों की
जय टिब्बा रोड वालों की
जय घासी राम मोहल्ला वालों की
जय ननकू हलवाई वाली गली वालों की
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जय ठोलकर मेंशन वालों की
जय प्रेम सदन वालों की
जय सरदार विला वालों की
जय शर्मा निवास वालों की
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जय....सब जगह और बिन जगह वालों की.

घुघूती बासूती

Udan Tashtari ने कहा…

जय रामप्यारी की पहेली की चौपाल की.. :)

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

भारत का इतिहास इसी तरह के विभाजन और आपसी लड़ाई झगड़ों की दास्ताँ लिए हुए है
२०१० का समय भी ये धर्म, क्षेत्रीयतावाद , जात पांत के भेद भावों को मिटा न पाया उसका
बहुत अफ़सोस है -
-- हर देश भक्त को नमन --
भारतीय जनता कब संगठित होगी ?
बातें करने का समय कब का बीत चूका है ...
अब तो , कायरता का त्याग करो ...
नेता क्या करेंगें ? सिर्फ टेक्स लेंगें आपसे ..
जनता जनार्दन कब जागेगी ?
- लावण्या

RAJ SINH ने कहा…

लावण्या जी के विचारों से सहमत भी नमन भी .अब दुश्वरियन हंसाती नहीं.करने का वक्त आ गया है.

M VERMA ने कहा…

जय हो

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

बेनामी जी की टिप्पणी में सिर्फ आप की जगह हम लिखना चाहता हूं, लावण्या जी ने मेरे मन की बात कह दी.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सभी की जय हो!
देशद्रोहियों की पराजय हो!

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

नही जी
सबसे पहले
भारत माता की जय

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

आपने हमारी जय नही बोली और नाही हमारे शहर की. इस जुर्म मे मैं आपकी जय नही बोलूंगा.:)

रामराम.

बेनामी ने कहा…

कहने के लिए कुछ शेष ही नहीं रहा.आपका इशारा जिस ओर है.मैं भी अच्छे से समझ रहा हूँ. लेकिन मूर्खों के इस देश में किया भी क्या जा सकता है.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जिस का चित्र लगा रखा है आज ऐसा ही नेता चाहिए ........... ऐसा ही सामर्थ चाहिए ....... नही तो जो आपं लिखा है वो सच हो जाएगा ..... और जल्दी ही .... बारूद के ढेर पर बैठे हैं हम ...........

दिगम्बर नासवा ने कहा…

महा-शिवरात्रि पर्व की बहुत बहुत बधाई .......

दीपक 'मशाल' ने कहा…

सच कहा आपने अगर ऐसे नेता हो जाएँ तो अलग अलग जय करने की जरूरत ही ना पड़े...
घर के सभी बेटों को बराबर पोषण ना मिलने के कारण विकलांग हुए बेटे को चिल्लाने की जरूरत ही ना पड़े की कोई मुझे भी भोजन दे दे भाई... अगर इकाई क्षेत्र ही अपने विकास के बारे में नहीं सोचेंगे तो देश का क्या खाक विकास होगा... हाँ लेकिन मंतव्य देश हित ही होना चाहिए.. ना की अलग राष्ट्र बनाने का या सिर्फ अपनाही अपना सोचने का... मर्म समझे बिना जय का कोई अर्थ नहीं... व्यंग्य करना बहुत आसान है... यहाँ के गरीब किसानों की आत्महत्या व्यंग से नहीं, थोथी देशभक्ति के राग से नहीं बल्कि भोजन, रोज़गार या कर्जमुक्तिकी मदद से रुकेंगी. जो सरकार से अब्बल तो इस क्षेत्र को आती नहीं.. आती है तो नेता और अफसर के घरों में पहुँचती हैं... अब जो नए राज्य की मांग कर रहे हैं उनके भी सिर्फ अपने घर भरेंगे... यहाँ सिर्फ अविकसित खण्डों के विकास की मांग हो रही है.. अगर उसके लिए भी जय करना गुनाह है तो हम गुनहगार सही..
लेकिन बड़ों ने ही तो सिखाया है की बच्चा रोये ना तो माँ भी दूध नहीं पिलाती..
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...

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