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शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2010

पाकिस्तान भारत से कहीं अधिक खुशहाल देश है..........

आजकल हमारे यहाँ लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में 48वीं वार्षिक एल्यूमिनी मीट का आयोजन चल रहा है। जिसमें देश विदेश से आए नामी गिरामी साईंटिस्ट और यूनिवर्सिटी एक्स स्टूडेंट भाग ले रहे हैं। इस एल्यूमनी मीट में कभी पाकिस्तान की फैसलाबाद कृ्षि यूनिवर्सिटी में साईंटिस्ट रह चुके प्रोफैसर डा. हाफिज अब्दुल कयूम भी पहुँचे हुए हैं। कल की बात है जब ये प्रोफैसर महोदय पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे तो इन्होने कुछ ऎसी बात कही जिसे सुनकर तो मेरी हँसी अब तक थमने का नाम नहीं ले रही। आज अचानक बैठे बैठे मन में विचार आया कि क्यूं न इस वाकये को आप लोगों से साँझा किया जाए। तो सुनिये(पढिए) प्रोफैसर महोदय ने क्या कहा--------
प्रोफैसर हाफिज अब्दुल:- "मैं जब भी भारत की यात्रा पर आता हूँ तो यहाँ की अत्यधिक गरीबी देखकर मेरा मन इतना रोता है कि जिसे मैं ब्यां नहीं कर सकता"
यह बात सुनते ही झट से एक पत्रकार बोल उठा"डा. साहब, क्या पाकिस्तान में गरीबी नहीं है?"
डा. साहब का जवाब था कि "वैसे गरीबी तो पाकिस्तान में भी है, लेकिन उतनी नहीं जितनी भारत में हैं। कुछ मामलों में पाकिस्तान भारत से कहीं बेहतर स्थिति में है"
तो सुना(पढा) आपने....एक हम लोग हैं जो भारत के विश्व शक्ति बनने के झूठे ख्वाब देखने में लगे हुए हैं, जब कि हमसे कहीं बेहतर स्थिति में तो पाकिस्तान जैसा देश है :)

23 टिप्‍पणियां:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

इसी खुशहाली की वजह से तो अमेरिका द्वारा प्रदत भिक्षा का इन्तजार करता रहता है ! :)

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

यह चुटकुला अमरीका को भी सुनना चाहिये

Unknown ने कहा…

तरस आ रहा है उनकी बुद्धि पर!

Vikas Kumar ने कहा…

होगा क्यों नहीं जब पकिस्तान भारत के टुकडो पर पलता है.....
तो इतराना किस बात का ...
अब एक बम आपके नाम का भी तालिबानी तैयार कर लेंगे ....
हा हा हा ......

Smart Indian ने कहा…

चुटकुला मजेदार है पर उसमें थोड़ी सच्चाई हो सकती है. वे पहले तालेबान बनाने के नाम पर मांगते थे अब तालेबान मिटाने के नाम पर मांगते हैं. पहले इस्लामी बम बनाने के नाम पर मांगते थे, अब इस्लामी बम इस्लामी मुजाहिदीन के हाथ पद जाने का दर दिखाकर मांगते हैं. मांगते हैं दिल खोल के तो मिलता भी है. जो थोड़ा बहुत फौज, जिहाद और आई एस आई से बच जाता है उसके छींटे गरीबों पर भी पद जाते हों ऐसा संभव है.

Udan Tashtari ने कहा…

हँस ही सकते हैं इस बात पर. :)

बेनामी ने कहा…

हा हा हा हा क्या मजेदार चुटकुला है. विश्व शक्ति पाकिस्तान:)

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

हंसने का मसाला अच्छा है.

रामराम.

Khushdeep Sehgal ने कहा…

सत्य वचन,
आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान से समृद्ध देश दुनिया में और कोई नहीं है...

जय हिंद....

दीपक 'मशाल' ने कहा…

आप लोगों को ये मजाक लग रहा है... मुझे आपकी सोच पर तरस आता है.. क्योंकि ये बिलकुल सही बात है.. और इसका सबसे बड़ा कारण जनसँख्या है.. पकिस्तान अमेरिका से पैसे ऐंठता है तो किसी और मकसद से.. ना कि गरीबी दूर करने वास्ते..
भाई अंध-भक्त मत बनो.. मैं भी अपने देश को प्यार करता हूँ लेकिन जो सच है वो है.. और हमें वो स्वीकारना होगा और अपने देश को इस मामले में पाकिस्तान से आगे ले जाना होगा..(इसमें कोई शक नहीं कि वहां की मिट्टी हरत से ज्यादा उपजाऊ है) अब मैं हंसूं क्या.. :)
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...

निशाचर ने कहा…

चार्वाक दर्शन को सही मायने में तो पाकिस्तान ने ही ग्रहण किया है - "ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत". क्या आश्चर्य कि वे हमसे ज्यादा खुशहाल हों. आखिर बिना मेहनत के खाने को जो मिल रहा है..........

rashmi ravija ने कहा…

इस पोस्ट ने और उसपर दीपक की टिप्पणी ने...सोच में डाल दिया है..कहीं उस वक्तव्य में सत्य का अंश तो नहीं...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

मन में मोदक तो ग्रहण कर ही लें!
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

भारत में यदि एक लाख भिखारी हैं तो पाकिस्‍तान में जनसंख्‍या के हिसाब से पचास हजार ही होंगे। तो गरीबी कहाँ ज्‍यादा हुई? यह भी सच है कि जो भारत की सबसे उपजाऊ भूमि थी आज वह पाकिस्‍तान के पास है। उनके पास भीख का बहुत बड़ा कटोरा भी है जिसमें अमेरिका प्रतिवर्ष करोड़ो डॉलर डालता है। जबकि हमारा कटोरा आजकल छोटा होता जा रहा है।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

पाकिस्तानी लोगों को बस एक ही राग अलापना आता है .... अमेरिका और चीन से आई भीख अगर इनको नसीब न हो तो ये एक दिन भी न चल सकें .... ये बात अलग है की आतांकियों की पैदावार में पाकिस्तान सबसे आगे है ...... क्या कहें अब ...शर्म उनको मगर नही आती .....

अजय कुमार झा ने कहा…

हां यार मैंने भी सुना है कि पाकिस्तान वाले भी अपनी एक खुद की फ़ोर्ब्स सूची निकालने वाले हैं जिसमे टौप पर होगा तालिबान फ़िर दाऊद इब्राहिम, फ़िर लशकरे तैय्यवा इंटरनेशनल , द मल्टीनेशनल टैररिज्म डिस्ट्रिब्यूशन कंपंनी ,, ओह मैं तो थक गया अमीरों के नाम काम गिनते गिनते , मगर यार उनके आतंकवादी और उनके कमेडियन तो हमारे यहां आतंक फ़ैलाने और कमेडी करने आते हैं , बेचारे बेरोजगार... हंसी और आतंक ....बेचने वाले ,
अजय कुमार झा

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

सब बकवास...इससे बड़ा झूठ कोई नहीं की पकिस्तान भारत से ज्यदा खुशहाल है....
पकिस्तान के जैसा गरीब देश ....किसी भी एरिया में कोई नहीं है....
मैं यहाँ कनाडा में दोनों कम्युनिटी के साथ रहती हूँ.....यह बात उनकी ही जुबां से सुनकर कह रही हूँ.....वो भारत भी जाते हैं और पकिस्तान भी....और सबके सब पकिस्तान में लुटे जा चके हैं..यहाँ तक की औरतों क्र भी पर्स पिस्तौल की नोक पर चीन जा चूका है...ये खुशहाल देश की कारस्तानी नहीं हो सकती....गरीबी वहां चप्पे-चप्पे में पसरी हुई है...और जो पैसा अमेरिका देता है ...सब असला-बारूद खरीदने और भ्रष्टाचार में ख़त्म होता है विकास में नहीं...भारत तक पहुँचने में पकिस्तान को अभी १०० साल और लगेंगे....पकिस्तान की लडकियां हिन्दुस्तान में शादी करना चाहती हैं.....उन्हें हिन्दुस्तान पसंद है.....
पकिस्तान खुशहाल ??? My foot.....!!!

Rohit Singh ने कहा…

उनका कहना सही है....आखिर दुनिया में टेरर फैलाने के लिए धन की उपलब्धता ज्यादा वहीं हैं. और फिर आंतकवाद फैलाने के सबमे बेहतर लोग भी वहीं हैं...

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

पाकिस्तान को पचपन करोड़ रुपया दिया गया था बंटवारे के समय, वही वापस कर दे सूद समेत.

शरद कोकास ने कहा…

कुछ यहाँ है तो कुछ वहाँ है ।
लेकिन जो होना चाहिये वो कहाँ है ?

निर्मला कपिला ने कहा…

भिक्षा मांग कर जैसे आज कल हमारे भिखारी अमीर हैं वैसे ही पाकिस्तान भी है अपनी तुलना हमारे भिखारियो से कर रहे हैं आप शायद उनकी बात समझ नही पाये। धन्यवाद्

naresh singh ने कहा…

अपनी अम्मा को कोई डायन बता सकता है क्या ?

राज भाटिय़ा ने कहा…

अजी हमारे यहां बहुत से पाकिस्तानी दोस्त है ओर उन के मुंह से से जो हम ने सुना है, उस हिसब से पाकिस्तान मै जन्म लेना नरक मै जन्म लेने के बराबर है, वहा आज भी दास प्रथा है, गुलाम आज भी मिलते है, ओर गरीबी हद से ज्यादा है.लेकिन जन्म लेने के कारण वो आज भी पकिस्तान को प्यार करते है

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